चौसठ रिधि विधान

जैन समाज में कवी श्री स्वरुप चन्द जी द्वारा कृत इस चौसठ रिधि विधान  का बहुत प्रचार है I
सब जैन बन्धु समय पैर इस पूजा को करते है I कई भाई तोह प्रति दिन अन्य पूजाओ के साथ चौसठ रिधि विधान करते है I इस पूजा का महात्म्य बहुत कुछ समझा जाता है I इष्ट-वियोग, अनिष्ट-संयोग, रोग अदि की उत्पति और विघ्न-बाधाओ के समय इस पूजा को अधिकतर किया जाता है I इस पूजा के प्रभाव से शारीरिक और मानसिक शांति की प्राप्ति होती है, विघ्न दूर होते है इछित वस्तु की प्राप्ति होती है, कामनाए सिद्ध होती है, पुण्य लाभ होता है, ऐसा बताया गया है I धर्मात्मा भाई बारे चाव से भक्ति पूर्वक इस पूजा को करते है I